पमनुष्‍य जाति परमेश्‍वर की "छवि [और] समरूपता" में बनाई जा रही है (जेनेसिस 1:26; सी.एफ़.. 5:3); इसे परमेश्‍वर के सदृश मन और भावनाएँ भी दी गईं हैं। परमेश्‍वर ने योजना बनाई कि जो अपने पापों का प्रायश्चित्त करते हैं, और दीक्षा लेते हैं, वे परमेश्‍वर की आत्‍मा ग्रहण करेंगे (एक्ट्स 2:38-39; जॉन 3:16)। क्राइस्‍ट के दूसरे आगमन पर, ऐसे सभी लोगों को, जिन्‍होंने इस जीवन में परिवर्तन किया है,भले ही वे मृत या जीवित हों, संपूर्ण "परमात्‍मा के पुत्र के रूप में जन्‍म लेने के लिए, नवीकरण के पुत्र होने के लिए" - अमरत्‍व प्रदान किया जाएगा (ल्‍यूक 20:36)।

"वे लोग धन्‍य हैं जो विनम्र हैं क्‍योंकि वही धरती के वारिस होंगे" (मैथ्‍यू 5:5; सी.एफ़. साम 37:9, 11, 22, 29, 34)। "जो कामयाब होगा वही सभी वस्‍तुओं [बह्मांड] का वारिस होगा " (रिविलेशन 21:7)।

बाइबिल की सभी भविष्‍यवाणियों और वचनों के आधार पर, परमेश्‍वर का "प्रथमान्‍न" (जिन्‍हें इस युग में बुलाया गया है) को यहाँ, इसी पृथ्‍वी पर (रिविलेशन 2:26-27; 5:10; डेनियल 2:44) परमेश्‍वर के साम्राज्‍य में एक स्‍थान या पद से पुरस्‍कृत किया जाएगा (जॉन 14:1-3; रिविलेशन 3:21; 20:4-6)। सच्‍चे संत परमेश्‍वर के संपूर्ण पुत्र - "नवीकरण के पुत्र" बनेंगे (ल्‍यूक 20:36)। परमेश्‍वर का उद्देश्‍य है कि ऐसे मानव, जो जीसस क्राइस्‍ट के बलिदान को स्‍वीकार करते हैं और उनके आदेशों का पालन करते हैं, वे अंतत: पिता और पुत्र के अधिकार से परमेश्‍वर के परिवार के पूर्णतया सदस्‍य बन जाएंगे (1 जॉन 3:1-3)। वे पुनरुत्‍थान में दैवीय गौरव के हिस्‍सेदार होंगे। जीसस ने प्रार्थना की थी, "और तुमने जो गौरव मुझे प्रदान किया है वह मैंने उन्‍हें दे दिया, ताकि वह उसी प्रकार एक हो सकें जैसे हम एक हैं: जैसे उनमें मैं, मुझमें तुम; और वे एक ही सर्वसम्‍पन्‍न बनें, और यह दुनिया जान ले कि तुमने मुझे भेजा है, और तुमने उन्‍हें उसी प्रकार प्रेम किया है जैसा मुझे किया है" (जॉन 17:22-23)।

आपके भविष्‍य के बारे में परमेश्‍वर की योजना को जानने के लिए हमारी पुस्तिका तुम्‍हारी परम नियति पढ़ें।