इसे शुक्रवार सूर्यास्‍त से शनिवार सूर्यास्‍त तक माना जाए। यह परमेश्‍वर और उसके विश्‍वासपात्र लोगों के बीच उसका "चिह्न" है - जो परमेश्‍वर के "आराम" को दर्शाता है और हमें याद दिलाता है कि वह रचयिता है। वह सहस्राब्‍दी - आगामी 1000 वर्षीय "आराम" को भी दर्शाता है जब क्राइस्‍ट राजाओं के राजा के रूप में वापस आता है (हिब्रूस 4:1-4; रिविलेशन 20:4-6)। जीसस क्राइस्‍ट, उसके अनुयायी और प्रारंभिक चर्च ने हमेशा परमेश्‍वर के आदेशित सबाथ का पालन किया (ल्‍यूक 4:16; एक्‍ट्स 17:2), और आगामी सहस्राब्‍दी में क्राइस्‍ट के पृथ्‍वी पर शासन के दौरान इसका "सभी जीवों" द्वारा पालन किया जाएगा (ईसाइया 66:33)। 

परमेश्‍वर के वार्षिक उत्‍सवों की सूची लेविटिकस 23 और ड्यूटेरोनॉमी 16 में दी गई है। इन परमेश्‍वर प्रदत्त पवित्र दिवसों का पालन "सदैव" किया जाएगा (लेविटिकस 23:14, 21, 31, 41)। प्रथम शताब्‍दी चर्च वार्षिक सबाथ का पालन करते थे (एक्‍ट्स 2; 12:3-4; 18:21; 20:6, 16; 27:9; 1 कुरिन्थियोंस 16:8)। इन सबाथ का पालन क्राइस्‍ट के सहस्राब्‍दी शासन के दौरान भी जारी रहेगा (ज़ेचारिया 14:1, 9, 16-19)।

परमेश्‍वर के वार्षिक समारोह उनकी मुक्ति योजना में सात अतिमहत्‍वपूर्ण चरणों को दर्शाते हैं:

1. 'द पासओवर' हमारे लिए "परमेश्‍वर के मेमने" (जॉन 1:29, 36; रि‍विलेशन 5:6), जीसस क्राइस्‍ट के बलिदान को दर्शाता है (1 कुरिन्थियोंस 5:7)। जीसस ने रोटी और शराब के प्रतीक के साथ न्‍यू टेस्‍टामेंट पासओवर स्‍थापित किया (1 कुरिन्थियोंस 11:23-26)।

2. अखमीरी रोटी के सातों दिन सामान्‍यत: आस्तिकों के जीवन से दुर्भावना और द्वेष के खमीर को बाहर फेंकते हैं और परमेश्‍वर के स्‍वभाव, "विश्‍वास और सत्‍य की अखमीरी रोटी" को आत्‍मसात करते हैं (1 कुरिन्थियोंस 5:6-13; ल्‍यूक 12:1)।

3. प्रथमान्‍न भोग लगाने का उत्‍सव (पेन्‍टेकॉस्‍ट) क्राइस्‍ट के "उत्‍पन्‍न हुए" अनुयायियों की छोटी फसल को दर्शाता है जिनका फल "प्रथम पुनरुत्‍थान" (रिविलेशन 20:4-5) पर "एक प्रकार के प्रथमान्‍न" के रूप में प्राप्त किया जाएगा (जेम्‍स 1:18)।

4. तुरहियों का भोज एक भविष्‍यदर्शी के रूप में सातवें बिगुल पर, अंतिम युद्ध और संघर्ष की अवधि के उपरांत जीसस के द्वितीय आगमन का इशारा करता है (मैथ्‍यू 24:31; 1 कुरिन्थियोंस 15:52; 1 थिस्‍सलूनियांस 4:13-17; रिविलेशन 11:15-18; 19:15; ज़ेचारिया 14:9)।

5. प्रायश्चित्त का दिन शैतान के निर्वासनऔर मानव जाति का परमेश्‍वर के समन्‍वय में आना प्रदर्शित करता है (लेविटिकस 16:8, 10, 15-27; रिविलेशन 20:1-3)।

6. देवालय का भोज शीघ्र ही जीसस क्राइस्‍ट और उसके संतों के प्रशासन के अंतर्गत आने वाली आश्‍चर्यजनक दुनिया को दर्शाता है (ज़ेचारिया 14; मैथ्‍यू 9:37-38; 13:1-30; ल्‍यूक 12:32; जॉन 7:6-14; एक्ट्स 17:31; रिविलेशन 12:9; 20:4-6)।

7. अंतिम महान दिन पृथ्‍वी पर सहस्राब्‍दी तक जीसस क्राइस्‍ट के शासन के अंत समय में होने वाले महान निर्णय का चित्रण करता है (जॉन 7:37; लेविटिकस 23:36, 39, 33-34; रिविलेशन 20:11-12).

इस विषय के बारे में अधिक जानने के लिए, कृपया हमारी पुस्तिका पवित्र दिवस: परमेश्‍वर की मुख्‍य योजना पढ़ें।